STORY / ARTICLE

तुम्हें देख कर चेहरे पर रंगत नूरानी आई है,तुम आए तो साथ तुम्हारे याद पुरानी आई है ……..

तुम्हें देख कर चेहरे पर रंगत नूरानी आई है,
तुम आए तो साथ तुम्हारे याद पुरानी आई है,,
पतझड़ के मौसम में फिर से रुत मस्तानी आई है,
तुम आए तो साथ तुम्हारे याद पुरानी आई है…
1-बारिश के बूंदों की रिमझिम रुत सावन के झूलों की,
सर्दी की ठिठुरन याद आई और बसंती फूलों की,,
मन वीणा के तार छेड़ती मंद-मंद पुरवाई है,
तुम आए तो साथ तुम्हारे याद पुरानी आई है…
2-हाथों में वो हाथ थाम कर चलते जाना याद आया,
हम दोनों का इक दूजे में ढलते जाना याद आया,,
दिल थोड़ा घबराया सा है आंख ज़रा शरमाई है,
तुम आए तो साथ तुम्हारे याद पुरानी आई है…
3-कभी डायरी में रखा था फूल सुखा कर याद आया,
डरते-डरते भिजवाया था पत्र छुपा कर याद आया,,
गीत गुनगुनाए कोयल पपिहा ने ग़ज़ल सुनाई है,
तुम आए तो साथ तुम्हारे याद पुरानी आई है…


~ प्रीति पांडेय

प्रतापगढ़

Related Articles

Back to top button