Health

नहीं होना इनफर्टिलिटी का शिकार? तो पुरुष-महिला दोनों कराएं ये 5 जरूरी टेस्‍ट

भारत में इनफर्टिलिटी का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है, इसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं। यदि आप इनफर्टिलिटी के शिकार नहीं होना चाहते हैं, तो अपने रूटीन हेल्थ चेकअप में नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी की फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ. हरीता मन्नेम की बताई फर्टिलिटी से संबंधित इन जांचों को जरूर शामिल करें….

भारत में बांझपन का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है, इसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं (भारत में लगभग 15 प्रतिशत घटनाएं)। यह ना केवल शहरी, बल्कि गांवों का भी मामला हो गया है। अब ऐसी स्थिति आ गई है कि प्रति महिला बच्चों के जन्म दर में काफी गिरावट आ गई है (औसत 1.61 प्रति महिला)। प्रजनन क्षमता में आ रही गिरावट के इस ट्रेंड से कई कारणों का (Causes of Infertility) संबंध है। इनमें से एक है प्रजनन आयु में पेशेवर आकांक्षाओं के कारण जोड़े के व्यवहार में बदलाव, जिसकी वजह से विवाह में देरी होती है और बच्‍चे के जन्‍म को टाला जाता है। लेकिन यह साबित हो गया है कि एक महिला की प्रजनन क्षमता उम्र से संबंधित और सीमित होती है। यदि आप इनफर्टिलिटी के शिकार नहीं होना चाहते हैं, तो नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी की फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ. हरीता मन्‍नेम बता रही हैं कि आपको अपने रूटीन हेल्थ चेकअप में फर्टिलिटी से संबंधित किन-किन जांचों को शामिल करना चाहिए….

प्रजनन क्षमता में गिरावट आने का कारण
पुरुषों की बात करें, तो उम्र के साथ शुक्राणु की गुणवत्ता कम होती जाती है। इसके अलावा, जीवनशैली में बदलाव जैसे आहार, तनाव, आदतें, नींद की कमी, मोटापा और असक्रिय जीवन के कारण प्रजनन क्षमता में भी गिरावट आ रही है, जिससे अंततः हॉर्मोनल और रोग संबंधी परिवर्तन होते हैं, जो प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करते हैं। नीचे कुछ रूटीन जांचें दी गई हैं, जो प्रजनन विशेषज्ञ जोड़े की प्रजनन क्षमताजांचने के लिए करवाने की सलाह देते हैं।

महिला साथी करवाएं ये जांच
पेल्विस का अल्ट्रासाउंड (गर्भाशय और एडनेक्सा, एंट्रल फॉलिकल काउंट), सीरम एएमएच स्तर, थायरॉइड, प्रोलैक्टिन जैसे हॉर्मोनल जांच। यदि किसी समस्या का संदेह है, तो एचएसजी, एसएसजी जैसी जांचों द्वारा फैलोपियन ट्यूब का मूल्यांकन किया जा सकता है।

एंटी-मुलेरियन हॉर्मोन (एएमएच)
रक्त में एंटी-मुलेरियन हॉर्मोन (एएमएच) पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रजनन ऊतकों में बनता है। एएमएच की भूमिका और इसका सामान्य स्तर, किसी की उम्र और लिंग पर निर्भर करता है। रक्त में एएमएच की नियमित जांच से हमें किसी में ओवेरियन रिजर्व को जानने में मदद मिलती है और इस प्रकार एक महिला को उसके ओवेरियन रिजर्व के बहुत कम होने से पहले ही गर्भाधारण की योजना बनाने में मदद मिल सकती है।

ओवेरियन रिजर्व
ओवेरियन रिजर्व कम होने की स्थिति में, यदि कोई महिला तुरंत गर्भधारण की योजना नहीं बना सकती है, तो वह एग या एम्ब्रियो फ्रीजिंग चुन सकती है, जो कि फर्टिलिटी सेंटर्स पर उपलब्ध कराई जाती हैं।

पुरुष साथी करवाएं ये जांच
पुरुषों में प्रजनन क्षमताका बेसिक टेस्ट वीर्य विश्लेषण (सीमन एनालिसिस) है। मानक तरीके से किए गए वीर्य विश्लेषण में किसी भी असामान्‍यता को रक्त परीक्षण या इमेजिंग के साथ और मूल्यांकन की आवश्यकता होती है। नियमित वीर्य विश्लेषण से प्रजनन विशेषज्ञों को शराब, धूम्रपान, तनाव और अन्य जीवनशैली के मुद्दों जैसे कारकों के कारण शुक्राणुओं की गुणवत्ता में किसी भी कमी के बारे में जानने में मदद मिलेगी। यह प्रासंगिक है कि वीर्य की बेहतर गुणवत्ता के लिए, वीर्य की गुणवत्ता में सुधार के लिए व्‍यक्ति प्रजनन विशेषज्ञ द्वारा विशेष जीवनशैली में सुझाए गए बदलाव करता है। शराब, धूम्रपान जैसे अनावश्यक पदार्थों और तनाव जैसे अतिरिक्त कारकों से बचने की जरूरत होती है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button