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ये बड़ी उम्र की स्त्रियां

ये प्यार करने का तरीका नहीं सलिका जानती हैं

कितना आसान होता हैं इनका प्रेम में पड़ जाना ,
कितना आसान होता है इनको ठग लेना और छलना ।

इनकी जिंदगी में प्रेम अपनी मर्जी से नहीं आता है और अगर प्रेम जा रहा है इनको धोखा देकर , इनको ठगकर , ह्रदय छलनी करके तो भी ये विरोध नहीं करती लड़कियों की तरहा ।

ये प्रेम को अनुभव करना जानती हैं , उफ्फ ये बड़ी उम्र की स्त्रियां ।
इन्होंने प्रेम के बारे में जितना पढा , जितना सुना किसी किताब में ये नहीं लिखा मिला की अगर प्रेम ना मिले तो उससे नफरत करो

ये आज के जमाने की तरह , ठुकरा के मेरा प्यार मेरा इंतकाम देखेगी नहीं सुनती है और ना सोचती हैं , ये मीरा है विष का घूंट पीना जानती हैं ।
लड़कियां प्रेम कहानी बता देती हैं , कोई बड़ी उम्र की महिला अपनी प्रेम कहानी का जिक्र करती नहीं मिलेगी तुमको ।

और वो इसलिए नहीं की उन्हें डर है समाज का , दुनिया का या फीर वो सामाजिक हाशिया जो तय कर दिया है इस पुरुषप्रधान समाज नें उसका बल्कि ये रखना चाहती हैं तमाम मुलाकातों को केवल खुद तक ।
सारी बातों , सांसो , तोहफों को रख लेना चाहती हैं खुद तक ताकि उनके अलावा कोई महसूस ना कर सके उसको जो सिर्फ इनका है ।

इस हद तक चाह सकती हैं की ये मजबूरियों ने बाहों में कोई और दिया और ख्यालों में कोई और है फिर भी जिंदा रहती है , खुश दिखती है किसी को पता अगर चलता है इस बात का तो उसके सामने खुद को गलत मान लेती हैं माफी मांग लेती हैं ।

और अकेले में रोने लगती हैं और रोती इसलिए नहीं सामने वाले ने उसको गालियां दी , गलत ठहराया बल्कि इसलिए रोती हैं सामने वाले के सामने अपने प्रेम को गलत बोला ।

उफ्फ ये बड़ी उम्र की स्त्रियां , ये फकीर नहीं होती लेकिन फकीरी होती है इनमें , खुदा से जो मांगा वो मिला नहीं फिर भी काफिर नहीं होती ।
कभी पूछ कर देखो इनके वक्त से किन किन हालातों से गुजरी हैं इनका वक्त रंग बदलता है । फिर भी खामोशी से सहन करती हैं पराई मोहब्बत को और अपनो की नफरत को और अंत ऐसा इनकी खामोशी को फिर इनकी मजबूरी नहीं गलती मान लिया जाता है ।

ये बॉलीवुड के उन डायलॉग के मायने बखूबी महसूस करती हैं की यहां कोई किसी के बिना नहीं मरता सब आदत की बात है तुम्हारी भी छूट जाएगी और मेरी भी ।
उफ्फ ये बड़ी उम्र की महिलाओं का प्रेम …………….
दिल टूटने के बाद प्यार कैसे किया जाए ये इनसे सीख लें , ये जानती हैं अपने आशिक के नाम का रोना अपने बच्चों के गले लगकर ।

कांच टूटने के बाद जोड़ देती हैं ये , बिखर जाने पर संभलना भी जानती हैं यही तो कारण है जिस पुरुष को मोहब्बत नहीं मिलती वो नशे , शराब से मोहब्बत कर लेता है लेकिन औरते नहीं ।
ये वर्तमान की घड़ीयों में जीना जानती हैं ।

वो ताना बाना , वो बातें कुछ , कुछ उलझनें निकाल ही नहीं पाती है ये उम्रों से , इनके प्रेम की उम्र थोड़ी छोटी होती है लेकिन वाबस्ता बहुत पुराना होता है ।

ये सब जो लिखा है , सब तेरे मेरे रिलेशनशिप के दरम्यान ही महसूस किया है ।

~ आराधना शर्मा

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