जो बोया सो काट रहे अब चिंता क्यों परिणाम कीतुमने बच्चों को समझाई कब महिमा प्रभु राम की ………..
कब गीता का पाठ पढ़ाया, कब रामायण समझाई
कब समझाया धर्म बड़ा, क्यों दुष्टों पर विपदा आई
कब बतलाया जो आया है उसका जाना निश्चित है
और दुष्ट का इस धरती पर होना नाश सुनिश्चित है
कभी बताई तुमने गाथा क्या लंका संग्राम की
तुमने बच्चों को समझाई कब महिमा प्रभु राम की
कभी कहा है तिलक लगाकर खुद पे गर्वित हो जाना
कभी बताया क्या है चोटी, क्यों है जनेउ अपनाना
कभी बताया तुमने उनको धर्म पे अर्पित हो जाना
और राष्ट्र की रक्षा हेतु स्वयं समर्पित हो जाना
भूल गए तुम धन वैभव में बात सभी के काम की
तुमने बच्चों को समझाई कब महिमा प्रभु राम की
तुमने उनको भाई चारे वाले पाठ पढ़ाये हैं
चरखा तकली मानवता के सारे झूठ सिखाये हैं
तुमने बचपन से ही उनपर बोझ आस का धर डाला
और अंहिंसा परम धर्म ने उनको कायर कर डाला
अब पछताने से क्या होगा चाल सफल दुष्काम की
तुमने बच्चों को समझाई कब महिमा प्रभु राम की
कभी बताया मौन भीष्म तक के यश को खा जाता है
और दुष्ट का वध अधर्म से भी नीती कहलाता है
कभी बताया कोई भी प्रण, रण से बड़ा नहीं होता
कोई भी ऋण मात्रभूमि के ऋण से बड़ा नहीं होता
बात नहीं की हत्यारों की ना ही नमक हराम की
तुमने बच्चों को समझाई कब महिमा प्रभु राम की
~ समीक्षा सिंह
कासगंज, उत्तर प्रदेश